बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रतिदिन दोनों टाइम भरपेट भोजन की है नि:शुल्क व्यवस्था - डीएम
कुशल प्रबंधन एवं सुचारु संचालन के लिए हुआ कैंप प्रभारी की तैनाती
कैंपों में बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का विशेष ध्यान, दिये जा रहे दूर प्रभावित क्षेत्र में किया जा रहा ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
मानव एवं पशु के इलाज एवं दवा के लिए लगे हैं कैंप
जगह जगह शौचालय एवं चापाकल की है पर्याप्त व्यवस्था, टैंकर द्वारा भी जलापूर्ति
60शौचालय, 27 हैंडपंप , 4 टैंकर से जलापूर्ति जारी
प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मियों को मुख्यालय में बने रहने तथा अपनी ड्यूटी का जवाबदेही से निर्वहन करने का दिया सख्त निर्देश
Muzaffarpur News: जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राकेश कुमार ने औराई, कटरा ,गायघाट के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया तथा पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हालचाल जाना। मौके पर उनकी समस्याएं भी सुनी एवं समाधान किया।
जिलाधिकारी ने कटरा, औराई, गायघाट के राहत शिविरों एवं सामुदायिक किचेन का भ्रमण किया तथा उसके प्रबंधन एवं संचालन का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने भोजन की तैयारी, भोजन की गुणवत्ता, किचेन की साफ -सफाई , भोजन स्थल की व्यवस्था , बिजली पानी, स्वच्छता,आदि का निरीक्षण किया। भोजन करने वाले लोगों से भी जिलाधिकारी ने पूछताछ कर फीडबैक प्राप्त किया। लोगों ने भोजन की शुद्धता एवं स्वाद की प्रशंसा की।
जिलाधिकारी द्वारा सामुदायिक किचेन के कुशल प्रबंधन एवं सुचारु संचालन हेतु प्रत्येक कैंप के लिए प्रभारी बनाया गया है तथा अंचलाधिकारी एवं प्रखंड के वरीय पदाधिकारी को क्षेत्र में कैंप कर प्रखंडाधीन संचालित कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग का दायित्व दिया गया है। साथ ही अपर समाहर्ता आपदा को बाढ़ प्रभावित सभी प्रखंडों के की मानिटरिंग का कार्यभार दिया गया है।
कटरा ,औराई ,गायघाट में कुल 41 सामुदायिक किचेन संचालित हैं जहां दोनों टाइम भरपेट भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। आज 32540 लोगों ने भोजन ग्रहण किया।
केंद्र पर बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का विशेष ध्यान रखा गया है। इसके तहत केंद्र पर बच्चों के बीच दूध का वितरण किया जा रहा है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कुल 55 नाव परिचालित है तथा 1 एंबुलेंस बोट भी कार्यरत है। जरूरत के अनुसार नाव बढ़ायें जायेंगे। अंचल अधिकारी द्वारा इस कार्य की सतत मॉनिटरिंग की जा रही है।
पर्याप्त संख्या में बाढ़ राहत शिविर कार्यरत हैं जहां भोजन, पानी , बिजली सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। बाढ़ राहत शिविर में 6182 व्यक्ति आवासित हैं।
प्रभावित लोगों के बीच अब तक 2146 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया गया है।
कटरा औराई एवं गायघाट में पर्याप्त संख्या में मेडिकल कैंप संचालित हैं जहां पर डॉक्टर ,नर्स , पारामेडिकल स्टाफ आवश्यक दवा के साथ तैनात हैं। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को सभी मेडिकल कैंप में तैनात डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने का सख्त निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ के पानी के घटते ही युद्ध स्तर पर ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव करने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक को कार्य योजना तैयार कर समुचित मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर की उपलब्धता रखने तथा छिड़काव की समुचित प्लानिंग करने का निर्देश दिया है।
इसके अतिरिक्त पशुओं की चिकित्सा एवं दावा हेतु भी पर्याप्त संख्या में पशु चिकित्सा कैंप लगाए गए हैं जहां पर पशुओं के इलाज एवं दवा की मुफ्त व्यवस्था की गई है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में शौचालय एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पीएचइडी के द्वारा की गई है। जगह-जगह पर शौचालय एवं चौपाकल के निर्माण से लेकर आवश्यकता अनुसार टैंकर के द्वारा लोगों को जलापूर्ति की जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में कल 60 शौचालय, 27 हैंड पंप तथा चार टैंकर से जलापूर्ति का कार्य जारी है। बरसात के मौसम एवं बाढ़ के पानी फैल जाने कारण लोगों को साफ एवं शुद्ध पेयजल मिले, इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एनडीआरफ एवं एसडीआरएफ की टीम पूर्ण रूप से सक्रिय एवं तत्पर है। उनके द्वारा राहत एवं बचाव का कार्य पूरी तत्परता से जारी है।
बाढ़ संबंधी संघर्षात्मक एवं निरोधात्मक कार्रवाई भी जारी है ताकि बाढ़ का पानी अधिक क्षति नहीं पहुंचाये। जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण को पूरी तत्परता के साथ बाढ़ सुरक्षा कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अंचलाधिकारी को आपदा प्रबंधन के तहत क्या करें एवं क्या ना करें के बारे में जगह-जगह पर फ्लेक्स लगाने तथा लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। साथ ही बाढ़ के पानी में नाव के परिचालन के दौरान बरती जाने वाली एहतियाती उपायों से लोगों को अवगत कराने का निर्देश दिया। भार वहन क्षमता से अधिक भार के नाव का परिचालन नहीं करने का निर्देश दिया। चलती नाव पर सेल्फी खींचना खतरनाक एवं जानलेवा हो सकता है, इसलिए इससे बचने हेतु लोगों को जागरूक करने को कहा। साथ ही प्रभावित क्षेत्र के लोगों को स्थानीय अधिकारियों से समन्वय एवं संवाद बनाये रखने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने प्रखंड से लेकर जिला स्तरीय सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को मुख्यालय में बने रहने तथा निर्धारित दायित्व का जिम्मेदारी से निर्वहन करने का सख्त निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने आपदा की इस घड़ी में जिला वासियों से व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है।
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